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नाहन में मुस्लिम कारीगर बना रहे रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले, सौहार्द की मिसाल


नाहन में मुस्लिम कारीगर दशकों से बना रहे हैं रावण कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले
दशहरा पर्व पर आतिशबाजी का प्रदर्शन भी मुस्लिम समुदाय करता है
चौगान मैदान में नगर परिषद द्वारा धूमधाम से मनाया जाएगा दशहरा पर्व


नाहन। दशहरा पर्व को लेकर ऐतिहासिक शहर नाहन पूरी तरह उत्साह और तैयारियों से सराबोर है। नगर परिषद की ओर से चौगान मैदान में इस पर्व का आयोजन किया जा रहा है, जहां परंपरा के अनुसार रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा।

खास बात यह है कि नाहन में पिछले कई दशकों से इन पुतलों को तैयार करने का काम मुस्लिम कारीगरों के हाथों से होता आ रहा है। यह कारीगर न केवल पुतलों को बनाते हैं, बल्कि अपनी कला और मेहनत से आपसी सौहार्द और भाईचारे की मिसाल भी कायम कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के शामली से पहुंचे कारीगरों ने बताया कि वह पिछले 10-11 वर्षों से लगातार नाहन में दशहरे के पुतले बनाने का कार्य कर रहे हैं। यह परंपरा उनके दादा के समय से चली आ रही है और आज भी परिवार के सदस्य इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पावन पर्व में सहयोग करना उन्हें गर्व और संतोष देता है, इसलिए वह हर साल यहां आते हैं।

इन कारीगरों का कहना है कि यह उनका पुश्तैनी कार्य है और वे नाहन के अलावा पांवटा साहिब, हरबर्टपुर, डाकपत्थर और हरियाणा के इस्माईलाबाद जैसे स्थानों पर भी पुतले बनाने का कार्य करते हैं।

यही नहीं, दशहरे के अवसर पर होने वाली आतिशबाजी का प्रदर्शन भी मुस्लिम समुदाय ही करता है, जो इस पर्व का विशेष आकर्षण होता है। इस तरह नाहन का दशहरा केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि गंगा-जमुनी तहज़ीब और आपसी भाईचारे का प्रतीक भी बन जाता है।